कोरोना की महामारी और लॉकडाउन का ये सब जल्द खत्म हो जाएगा। पर इस संकट के बाद याद किये जायेंगे तो सिर्फ लोग जिन्होंने इस आपदा में अपने औऱ अपने परिवार की जान को हथेलियों पर रखकर लोगों की सुरक्षा के लिए काम किया। पूरी दुनिया में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। पर भारत की चर्चा आज हर जगह किसी वजह से सबसे अधिक है तो हमारी संस्कृति सेवा धर्म और एक दूसरे के दुख में साथ देने के कारण।
शायद यही वो प्रयास है जिससे हम इस महामारी को हराने में कामयाब हो रहे हैं। बनारस में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं यूपी पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल दीपिका चौधरी। यह अपनी 10 माह की बेटी को गोद मे लेकर ड्यूटी कर रही हैं। ताकि लोगों को इस संकट में सुरक्षा दी जा सके। इस 42 डिग्री के तापमान में 10 माह की बेटी और ड्यूटी के प्रति उनकी शिद्दत को देखकर हर आने जाने वाला बस यहीं कहता है कि आप जैसों की वजह से ही खाकी आज भी दमक रही है।
यूपी पुलिस की कॉन्स्टेबल दीपिका लंका स्थित बीएचयू सिंह द्वार पर सुरक्षा ड्यूटी में तैनात हैं। पूर्वांचल औऱ बिहार का मेडिकल हब होने के कारण यहां लोगों की तादात भी बहुत होती है। वहीं बीएचयू के माइक्रोबायोलॉजी लैब में 13 जिले के कोरोना से जुड़ी लोगों की जांच होने के कारण भी यह इलाका बिल्कुल सतर्क रहता है। लेकिन बेटी को गोद में थामे दीपिका लोगों के लिए साहस विश्वास औऱ सुरक्षा बन गईं हैं।
दीपिका बताती हैं कि वो और उनके पति दोनों नौकरी में हैं। दीपिका के पति सिविल इंजीनियर हैं, ऐसे में दीपिका बच्ची को लेकर पुलिस की ड्यूटी निभा रही हैं। बेटी को लेकर घर का काम और ड्यूटी करने के सवाल पर वो कहती हैं कि बच्ची को लेकर काम करने में उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती है, बल्कि सुकून मिलता है। ये सच है की इन्ही जैसों की जिम्मेदारी से हम इस लड़ाई को लड़ पा रहे हैं।